सुकमा (छत्तीसगढ़), 29 जुलाई।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के घने जंगलों में मंगलवार सुबह से सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी है। District Reserve Guard (DRG), Central Reserve Police Force (CRPF) और Special Task Force (STF) की संयुक्त टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर शुरू किए गए इस अभियान में नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया है। इलाके में लगातार भारी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को हाईप्रोफाइल नक्सली गतिविधियों की विश्वसनीय जानकारी मिली थी, जिसके बाद रात्रि में ही यह संयुक्त अभियान शुरू किया गया। सुबह के समय जब सुरक्षाबल कोर नक्सली इलाके में पहुंचे तो नक्सलियों की ओर से अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और घेराबंदी की रणनीति अपनाई।
प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा है। एक नक्सली के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है। हालांकि, सुरक्षाबलों की ओर से भी दो जवान घायल हुए हैं जब नक्सलियों ने IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल किया। घायल जवानों को तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई गई है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
इस एंकाउंटर की खासियत यह है कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब बस्तर संभाग में नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक ‘शहीदी सप्ताह’ मना रहे हैं। इस दौरान नक्सली संगठन अपनी गतिविधियां बढ़ाते हैं और सुरक्षाबलों पर हमले की योजना बनाते हैं। खुफिया एजेंसियों की जानकारी के अनुसार, नक्सली इस दौरान बड़ी साजिश की तैयारी में थे, जिसे सुरक्षाबलों ने समय रहते नाकाम करने की पहल की है।
सुकमा SP और CRPF के DIG सहित वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। इलाके में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन जारी है और सुरक्षाबल जंगल के हर कोने की तलाशी ले रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अधिक नक्सलियों के छुपे होने की संभावना है।
सुकमा जिला लंबे समय से नक्सल हिंसा का केंद्र रहा है। यहां के घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाके नक्सलियों को छुपने की सुविधा प्रदान करते हैं। राज्य सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने एंटी-नक्सल ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। इसी साल अब तक छत्तीसगढ़ में 200 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। शहीदी सप्ताह के दौरान हुई इस मुठभेड़ से नक्सलियों के मनोबल पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
फिलहाल ऑपरेशन जारी है और अधिकारियों ने आगाह किया है कि स्थिति गतिशील है। पूर्ण नतीजों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है। स्थानीय प्रशासन ने आसपास के गांवों में रहने वाले नागरिकों से सतर्कता बरतने की अपील की है।